रिश्तों की कीमत
क्या तुम ने कभी किसी का दर्द
अपने सीने में महसूस किया है!
किसी मजबूर लाचार के आंसु
अपने आंखों में महसूस किया है!
किसी भूखे को अपने हिस्से का
निवाला खिलाया है!
किसी कि जिंदगी के खातिर
खुद को कुर्बान किया है!
रिश्तों की अहमियत तुम क्या जानो
अपनो के रिश्तों के खातिर खुद को मिटाया क्या?
— विभा कुमारी “नीरजा”