कविता

देश प्रेम

सर झुके बस उनकी शहादत में ।
जो शहीद हुए हमारी हिफाजत में ।।
मां सोचती है बेटा आज भूखा न रहे ।
पिता सोचता है कि बेटा कल भूखा न रहे ।।
बस यही दो संबंध ऐसे हैं संसार में ।
जिन का दर्जा परमात्मा से सीधा है संसार में ।।
आओ सब मिलकर दें श्रद्धांजलि करें नमन ।
वीर सपूतों के लिए बनाएं एक नया कानून ।।
हमारे हिफाजत में जो जवान शहीद हुए ।
आंखें नम कर उन्हें श्रद्धांजलि करते हुए ।।
एक प्रण लें सिर्फ ‘एक रुपैया’ की प्रण लें ।
संपूर्ण भारतीय खाताधारकों ‘एक रुपैया’ दें ।।
ऐसा कानून बने स्वत: खाता से कटे ।
प्रत्येक खाताधारकों से एक रूपैया कटे ।।
इस तरह उनको श्रद्धांजलि अर्पित करें ।
उनके परिवारों को यह समर्पित करें ।।
जाने वाले चले गए लिखकर अपनी कहानी ।
परवरिश हो उनके परिवार व उनके निशानी ।।
जो कल का इतिहास रच सके ।
हमारे देश को हिफाजत कर सके ।।
यही सच्चा देश प्रेम राष्ट्रप्रेम देशभक्त हो ।।
सबका मत विचारणीय हो कानून सशक्त हो ।।
— मनोज शाह ‘मानस’ 

मनोज शाह 'मानस'

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