मिलना ख़ुशी का ज़िन्दगी में – बे शक ना हो इनसान के हाथ में
मगर ख़ुशी से बिताना ज़िन्दगी को – तो है इनसान के हाथ में
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लाख तरसाएं दुनिया की नेमतें – इनसान को ज़िनदगी में
मगर रखना जज़बातों को क़ाबू में – तो है इनसान के हाथ में
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शकसत बार बार बे शक मिली हो – इनसान को ज़िनदगी में
मगर बरक़रार रखना जीत की कोशिश – तो है इनसान के हाथ में
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ढर बे शक लगता है आदमी को – आग के भडकते शोलों से
मगर बचा कर रखना अपने दामन को – तो है इनसान के हाथ में
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नज़रें बे शक लचकती हों – आदमी की हर मुलाकात पर
मगर रखना क़ाबू में अपने दिल को – तो है इनसान के हाथ में
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नज़र और नसीब बे शक ना- मिलते हों तक़दीर में — मदन —
मगर कोशिश दोनों को मिलाने की – तो है इनसान के हाथ में