माता पिता
दुनिया में कोई भी
अपना हो सकता हो,
मगर माता पिता का
स्थान नहीं ले सकता,
हमारे हित की चिंता
माता पिता से अधिक
कोई नहीं कर सकता।
हम भ्रम का शिकार
भले ही बने रहते,
पर माता पिता के लिए
बच्चे ही सदा रहते।
यह और बात है
हम माता पिता को
समझ नहीं पाते,
उन्हें अपने से कम
समझदार मानते।
मगर यह भूल जाते हैं
कि उन्होंने हमें जन्म दिया
हमें पाल पोसकर बड़ा किया
वे ही सबसे बड़े
हमारे शुभचिंतक हैं।
मगर हम यह समझ
तब तक नहीं पाते
जब तक हम खुद
माता पिता नहीं बन जाते।
मगर तब तक तो
हम तब तक तो हम
बहुत कुछ खो जाते
और सिर्फ पछताते
माता पिता का मतलब
तब ही जान पाते।