हमने भी सीखा- 17
मुक्तक
जन्मदिवस की अनुपम बेला
लाई खुशियों का आगार
देखे जो सपन सलोने प्यारे
दुआ हमारी हों साकार
खुश रहिए, उन्नति करते रहिए
खुशियां बांटिए, खुशियों के भंडार भरते रहिए
प्रेम खुद से खुद की पहचान है
खुशनुमा उजाले की शान है
आनंद के अंकुर प्रस्फुटित होंगे
प्रेम ही मन की मधुरिम तान है
खुद को खुद का हमसफर बना लो,
अपनी जीवन-यात्रा को सुखद बना लो