गीतिका/ग़ज़ल

गीतिका

देश को मिल खा रहे हैं,देश रोता है हमारा
छीन लेना सब,बड़ा ,आसान होता है हमारा
इस तरफ भी,उस तरफ भी देखिए अपने खड़े हैं
आज फिर संग्राम अपनो से ही होता है हमारा
मौन है  कुछ भी नही कर पा रहे हैं बेबसी है
पास में बेटा खड़ा है, दूर  पोता है हमारा
वो हमारी आँख का काजल चुरा कर ले गये
कुछ कहें या चुप रहें नुकसान होता है हमारा
बात से तीली जला के,वो जला देगें शहर को
जल लिए दुश्मन यहां पर,हाथ धोता है हमारा
वो यहां रोटी पकाने आ गये हैं स्वार्थ की सब
जानते हैं देश का हर तन्त्र सोता है हमारा
— शालिनी शर्मा

शालिनी शर्मा

पिता का नाम-स्वर्गीय मथुरा प्रसाद दीक्षित माता का नाम -श्रीमती ममता दीक्षित पति का नाम-श्री अनिल कुमार शर्मा वर्तमान स्थायी पता- केऐ-16 कर्पूरी पुरम गाजियाबाद फोन न0- 9871631138 जन्म एंव जन्म स्थान-09.04.1969, परीक्षित गढ़ गाजियाबाद उप्र शिक्षा एवं व्यवसाय-बीएससी बीएड़,अध्यापिका व सहायक NCC आफिसर (13 यूपी गर्ल्स बटालियन) प्रकाशित रचनाएं एवं विवरण-अमर उजाला काव्य में 48 रचनायें प्रकाशित, विभिन्न पत्रिकाओं में रोज रजनाएं प्रकाशित होती हैं,दो तीन सम्मान प्राप्त