गीतिका/ग़ज़ल

तुम्हीं तुम

तुम्हीं तुम बसे मेरे मन में हो
तुम ही प्रतिपल जीवन में हो
मैंने ढूंढा जिसे सदियों यहाँ
वो तुम्हीं मेरे हर क्षण में हो
बढ़ती तुम्हारी हूँ राह चुन
मेरी सब डगर के पगन में हो
सप्तपदी की जो स्मारिका
तुम जन्मों के सुमिरन में हो
तुम्हीं साँसों में समाए हो
मेरी धड़कती धड़कन में हो
गा लूँ मनभावन “गीत” मैं
मेरी हर बात हर कथन में हो
— प्रियंका अग्निहोत्री ‘गीत’

प्रियंका अग्निहोत्री 'गीत'

पुत्री श्रीमती पुष्पा अवस्थी