कवि भावनाओं के मधुर साधक
वास्तव में भावों का और विचारों का प्रतिपादन कौशल ही कवि की अभिव्यंजना शक्ति का परिचायक बन कर उसे शब्द शिल्पी बना देता है, अपने मानस को निरंतर तराशकर
सामर्थ सृजक के रुप में स्वयं को साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करके आगे बढ़ता हुआ नज़र आने वाले आज के सभी साहित्यकार बंधु धन्यवाद के सच्चे हक़दार है।जिनकी कलम से साहित्य जगत आज भी रौशन हैं।
भावनाओं के मधुर साधक साहित्य को विशिष्ट पहचान दिलाने वाले, जीवन साधना में संसार के अनुभवों की प्रतिक्रियाओं को भाषा के माध्यम से यानी कविता ग़ज़ल और नज़्म के मध्यम से अभिव्यक्ति देकर साहित्य को प्रेरणा प्रदान करने वाले,सांस्कृतिक चेतना से ओतप्रोत साहित्यिक गतिविधियों
के प्रेरक बहुमुखी प्रतिभा के धनी, आप सभी कवि साहित्य कार व्यक्तित्व को नमन। वेदना,करुणा,तथा प्रेम दर्शन की अभिव्यक्ति करते हुए, साहित्यकार, कविगण एक उच्चतम भावभुमि पर पहुंच कर
एक सशक्त हस्ताक्षर बन कर स्वयं को उभारते हैं,
कवियों का सरल सहज़ स्वभाव हम सबको उनके अपना होने का विश्वास दिलाता है,
जिनकी रचनाएं हमें संसार की सैर कराती है। कवियों कीरचनाओं का प्रकाशन में आना वाक़ई गौरव का विषय है,और अविस्मर्णीय भी। जो हमें भी कहीं न कहीं लाभान्वित जरूर करती हैं। समाज को कवि सजग बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते नज़र आते हैं,
धन्यवाद समस्त कविगणों का आभार कविता दिवस पर।
लिखते रहें,खुश रहें, संपन्न रहें स्वस्थ रहें। इसी आशाओं के साथ आपका साथी।
— डॉ. मुश्ताक़ अहमद शाह सहज