गीत/नवगीत

गीत

बूढ़ा बरगद रुदन कर रहा।

क्यों मुझसे आशीष मांगती हैं ललनाएं ?
जाने कब इनके वर मुझको काट गिराएं?
मानव मूरख काल स्वयं का बन बैठे हैं,
डर लगता हैं कही स्वयं को खा न जायें ।

मन ही मन अतिशय व्याकुल है,
शुभता के हित मनन कर रहा ।
बूढ़ा बरगद …………………………….

पहले जैसा अब रितुराज कहाँ आता है?
कहाॅं आम का उपवन ,सौरभ फैलाता है ‌?
कहाॅं नीम के फूल महकते हैं रातों को ?
कहाॅं मधूक धरा पर मोती बिखराता है?

कौन प्रश्न गंभीर अधिक है ?
बड़ी देर से चयन कर रहा ।
बूढ़ा बरगद………………………..

हे मानव! जीवन के हित कुछ पेड़ लगाओ!
तुम्हें सौंह है मत गमलों में मुझे उगाओ !
देखो वसुधा नित्य हो रही है, बंजर सी ,
कंकरीट के जंगल, मत हर जगह उगाओ !

जगा रहा है प्रलय कर्म से,
मूर्ख मनुज है शयन कर रहा ।
बूढ़ा बरगद…………………….

— डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी

*डॉ. दिवाकर दत्त त्रिपाठी

नाम : डॉ दिवाकर दत्त त्रिपाठी आत्मज : श्रीमती पूनम देवी तथा श्री सन्तोषी . लाल त्रिपाठी जन्मतिथि : १६ जनवरी १९९१ जन्म स्थान: हेमनापुर मरवट, बहराइच ,उ.प्र. शिक्षा: एम.बी.बी.एस. एम.एस.सर्जरी संप्रति:-वरिष्ठ आवासीय चिकित्सक, जनरल सर्जरी विभाग, स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय ,फतेहपुर (उ.प्र.) पता. : रूम नं. 33 (द्वितीय तल न्यू मैरिड छात्रावास, हैलट हास्पिटल जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर (उ.प्र.) प्रकाशित पुस्तक - तन्हाई (रुबाई संग्रह) उपाधियाँ एवं सम्मान - १- साहित्य भूषण (साहित्यिक सांस्कृतिक कला संगम अकादमी ,परियावाँ, प्रतापगढ़ ,उ. प्र.द्वारा ,) २- शब्द श्री (शिव संकल्प साहित्य परिषद ,होशंगाबाद ,म.प्र. द्वारा) ३- श्री गुगनराम सिहाग स्मृति साहित्य सम्मान, भिवानी ,हरियाणा द्वारा ४-अगीत युवा स्वर सम्मान २०१४ अ.भा. अगीत परिषद ,लखनऊ द्वारा ५-' पंडित राम नारायण त्रिपाठी पर्यटक स्मृति नवोदित साहित्यकार सम्मान २०१५, अ.भा.नवोदित साहित्यकार परिषद ,लखनऊ ,द्वारा ६-'साहित्य भूषण' सम्मान साहित्य रंगोली पत्रिका लखीमपुर खीरी द्वारा । ७- 'साहित्य गौरव सम्मान' श्रीमती पुष्पा देवी स्मृति सम्मान समिति बरेली द्वारा । ८-'श्री तुलसी सम्मान 2017' सनातन धर्म परिषद एवं तुलसी शोध संस्थान,मानस नगर लखनऊ द्वारा ' ९- 'जय विजय रचनाकार सम्मान 2019'(गीत विधा) जय विजय पत्रिका (आगरा) द्वारा १०-'उत्तर प्रदेश काव्य श्री सम्मान' विश्व हिंदी रचनाकार