यही तो प्यार है ….
नहीं पता मुझे कुछ दिनों से
क्या हो रहा है भर आता है दिल
सुनकर पढ़कर अजनबियों का दर्द
जाने क्यूँ मुझे अब जकड़ने लगा है बहुत
एक जगह सी बना ली है दिल के किसी कोने में
हमेशा के लिए उस अनजाने से डर ने
कहीं अगर कभी मुझे ऐसी स्थिति से
गुजरना पड़े सोचकर ही सिहरन दौड़ जाती है
फिर आता है तुम्हारा ख्याल
संभाल ही लोगे तुम मुझे
आँच भी न आने दोगे कभी
भले ही कोई एग्रीमेंट साईन किया
ऐसा तुमने पर फिर भी अपने दिलों ने
एक कांट्रैक्ट तभी दिल ही दिल में
साईन कर लिया था जब हम मिले थे
पहली बार बिना किसी टर्म एंड कंडीशन के
शायद यही प्यार है यही तो है जो हमेशा
रहने वाला है तेरे मेरे दरमियाँ कभी न मिटने के लिए……..
अच्छी कविता. हाँ, यही प्यार है. किसी ने कहा है-
उदासी, सर्द आहें, दर्दे-हसरत, कुरब, मजबूरी.
इन्हीं दो-चार चीजों का मुहब्बत नाम है साकी.
बहुत अच्छी रचना