कहानी – बरगदवा बाबा
गांव में सड़क के किनारे बरगद का पेड़! महज पेड़ भर नही, रोज़ उगते और डूबते सूरज और चहचहाते पंछियों
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Read Moreयूँ तो होते हैं मुहब्बत में जुनूँ के आसार और कुछ लोग भी दीवाना बना देते हैं पहाड़, पठार, झील,
Read Moreयह ज़िंदगी काफ़ी उलझनों का ताना-बाना लिए हमें विवशता के भंवर में डुबो देती है। जिससे उबरने में वक़्त लगता
Read Moreमज़दूर की बेटी की क़िस्मत में रानी बनना कहां से लिखा होता! उसके बाबा ने अपना और पत्नी का मन
Read More“आ-रही – हूं – -” हुमैरा व्हीलचेयर डगराते हुए दरवाज़े पर आई और अपनी स्टीक से चिटखिनी गिराते हुए दरवाज़ा
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