गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा" 03/07/202330/06/2023 बारिशें घर किसी का यहाँ ढा रहीं बारिशें तो किसी को यहाँ भा रहीं बारिशें भीगकर छाँव कल थी बनाई मगर Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा" 24/01/2023 उठे इस देश का जवान हमारा लक्ष्य हो अब यह, उठे इस देश का जवान स्वयं ही उठकर बनाये, दुनिया में अपनी पहचान वृक्ष के Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा" 30/10/2022 दीवाली पुरातन धर्म का भी मर्म बतलाती है दीवाली हमें है प्रेम से रहना ये सिखलाती है दीवाली कहीं हमने गरीबों Read More
गीतिका/ग़ज़ल अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा" 26/09/2022 ग़ज़ल इश्क़ में अब बग़ावत नहीं चाहिए अब हमें तो शिकायत नहीं चाहिए बस हमारा रहे साथ यूॅं ही बना फिर Read More
कविता अभिषेक श्रीवास्तव “शिवा" 22/02/2022 किताबें गर हो जाए किसी को किताबों से प्रीत, फिर ये किताबें भी उससे बातें करती हैं। कह नहीं पाया है Read More