उर्मिला विरह (प्रिय छवि चित्रण)
भोर भयी पक्षी चहचहाये भाया साथ किरण का रवि को ओ री सखी लाना तूलिका चित्रित करूँगी प्रिय की छवि
Read Moreभोर भयी पक्षी चहचहाये भाया साथ किरण का रवि को ओ री सखी लाना तूलिका चित्रित करूँगी प्रिय की छवि
Read Moreभारत की सोंधी माटी की ख़ुशबु जो दूर से आती है तन जोश नया भर जाती है मेरे मन को
Read Moreसिर मोर मुकुट कुण्डल धारी मनमोहक छवि श्री गिरधारी पग कनक पैजनियां सोहत अति कर कंगन, भाल तिलक धारी सिर
Read Moreकुछ छोटे -छोटे पौधे जो आंगन में उसने रोपें थे जाने कब वो बन गये पेड़ हिलकर समीर के झोंके
Read Moreनारी जीवन होता शायद कुछ रिश्तों का ताना- बाना इसके इतर पुरुष-नारी के सम्बन्धों को कब जग माना त्याग,धरम, अनुशासन,
Read Moreइठलाती सी बलखाती सी लहराती जल में रानी सी जल ही जीवन जल ही जग है जल में रहती महारानी
Read Moreसुनो उद्धव सुनाते हैं हमें जो तुम बताते हो ज्ञान की योग की बातें हमें जो तुम सिखाते हो समझ
Read More