*फूल नहीं तोड़ेंगे हम*
14 नवम्बर, बाल दिवस, बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू का जन्म-दिवस, देवम के स्कूल में बड़ी धूमधाम के साथ
Read More14 नवम्बर, बाल दिवस, बच्चों के प्यारे चाचा नेहरू का जन्म-दिवस, देवम के स्कूल में बड़ी धूमधाम के साथ
Read Moreछूमन्तर मैं कहूँ और फिर, जो चाहूँ बन जाऊँ। काश, कभी पाशा अंकल सा, जादू मैं कर पाऊँ।
Read Moreबुरा न देखो, बुरा सुनो ना, बुरा न बोलो बोल रे, वाणी में मिसरी तो घोलो, बोल-बोल को तोल रे।
Read Moreगोबर, तुम केवल गोबर हो। या सारे जग की, सकल घरोहर हो। तुमसे ही निर्मित, जन-जन का जीवन, तुमसे ही
Read Moreअगर हौसला तुम में है तो, कठिन नहीं है कोई काम। पाँच – तत्व के शक्ति – पुंज, तुम सृष्टी
Read Moreगरमागरम थपेड़े लू के, पारा सौ के पार हुआ है, इतनी गरमी कभी न देखी, ऐसा पहली बार हुआ है।
Read Moreस्कूल से छूटकर साइकिल से घर आ रहा था देवम। तभी पीछे से आती हुई कार का दरवाजा खुला और
Read Moreमछली कैसे जीती जल में, टीचर से पूछूँगी कल मैं। जीना चाहूँ जो मैं जल में, जान सकूँगी
Read Moreडंकी के ऊपर चढ़ बैठा, जम्प लगाकर मंकी, लाल। ढेंचूँ – ढेंचूँ करता डंकी, उसका हाल हुआ बेहाल। पूँछ
Read Moreमेरी गुड़िया छैल-छबीली, जींस पहनती गहरी नीली। इलू-इलू बोले वह सबको, प्यार बाँटती सारे जग को। काला चश्मा लाल रुमाल, और सुनहरे
Read More