Author: आनन्द विश्वास

बाल कविता

हम बच्चे हिन्दुस्तान के

हम     बच्चे   हिन्दुस्तान   के। हम     बच्चे   हिन्दुस्तान   के।   शीश   झुकाना  नहीं  जानते, शीश   कटाना    ही   जाना। मेरा  मजहब  मुझको  प्यारा, पर  का  मजहब  कब  माना।  

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