फागुन
हर फागुन बन जाऊं मैं चिरइया । उड तेरे धौरे चली आऊँ रे कन्हइया । मै तौ बन जाऊं बरसाने
Read Moreना ये जमी होगी ना आसमा होगा । यहाँ जो भी इश्क करे उसका ना ये जहाँ होगा । ना
Read Moreहम तेरी राह में फूल बनकर खिले । हम जो तुमसे मिले बन गए सिलसिले । तेरी इक हसी हम
Read Moreना प्रेम का दिन कोई खास प्रिये,ये हर दिन खास बनाता है। होता है ये संसार वही बस ऐहसास नया
Read Moreमिलेगी जीन्दगी लेकिन जमी ना मोहब्बत की होगी । हमने चाहा टूटकर तुझको ना अब वो मुलाकात होगी । हमने
Read Moreओ लाल मेरे ओ लाल मेरे तुम ही जीवन के ख्वाब मेरे जब से तू परदेश गया है दिल मे
Read Moreहिन्दी ही इस जहाँ के आगे रही हिन्द की भाषा। सच्चा हिन्दुस्तानी ही हरपल इसका साथ निभाता। आज जमाना बदल
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