गीतिका
कभी मैंने जो उनकी याद में दीपक जलाये हैं | सुनहरी सांझ में पंछी यूं घर को लौट आये हैं
Read Moreतल तक कविवर जाया करना ढूंढ के मोती लाया करना नज्में लिखना गाया करना जग को सच समझाया करना इतिहास
Read Moreतुम चाहते हो कि हरेक आंगन तक गुनगुनी धूप पहुंचे ताकि कोई ठिठुरती सर्दी में न कंपकंपाये तुम चाहते हो
Read Moreगीत मोहब्बत के ग़मों में गाना तुम | दर्द छुपकर महफ़िल में मुस्काना तुम | दुनिया कैसे उंगली पे नचाती
Read Moreतुम चाहते हो कि हरेक आंगन तक गुनगुनी धूप पहुंचे ताकि कोई ठिठुरती सर्दी में न कंपकंपाये तुम चाहते हो
Read Moreबात उन दिनों की है जब मैं हायर सकेंडरी करके इंजिनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था | मेरे साथ मेरे
Read Moreतल तक कविवर जाया करना ढूंढ के मोती लाया करना नज्में लिखना गाया करना जग को सच समझाया करना इतिहास
Read More