अपने अंदर को झाँकें
हो सके तो हम,अपने अंदर को झाँकें यहॉं-वहाँ हम,दूसरे को बाहर न ताकें। हम गौर करें अपना,करें स्वआँकलन स्वआत्मा के,आवाज
Read Moreहो सके तो हम,अपने अंदर को झाँकें यहॉं-वहाँ हम,दूसरे को बाहर न ताकें। हम गौर करें अपना,करें स्वआँकलन स्वआत्मा के,आवाज
Read Moreमैं घर आँगन की पहचान हूँ मैं पेड़-पौधों की मुस्कान हूँ। मैं भोर का सन्देशा लाती हूँ मैं सारे जगत
Read Moreक्रिस्टोफर पाओलिनी ने कितनी अच्छी बात कही है- “किताबें मेरी दोस्त हैं, मेरी जीवनसाथी हैं। ये मुझे हंसाती हैं और रुलाती हैं
Read Moreदादा जी आज सुबह-सुबह सैर के लिए निकल ही रहे थे कि अचानक उनके पाँव ठिठक गए।और वे किसी चीज
Read Moreकिसी ने ठीक ही कहा है- “लगन” एक छोटा सा शब्द है।जिसे लग जाती है उसका जीवन ही बदल जाता
Read Moreराम नवमी भारतीय हिंदुओं का प्रमुख पर्व है।जिसको भारतीय समाज श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाते हैं।यह आस्था और विश्वास
Read Moreहमारे भारत मे हिंदुओ का सबसे बड़ा पर्व है “हिन्दू नववर्ष”।जिसको विक्रम संवत या नव-संवत्सर के नाम से जाना जाता
Read Moreआज मास्टर जी कक्ष् मे हाजरी ले रहे थे,तभी भोलू का नाम देखकर ठिठक गए। चुप्पी साधते हुए- भोलू! नाम
Read Moreदेखो ग्रीष्म ऋतु आई है भीषण गर्मी ले आई है। गर्मी से सब हलाकान हैं गर्मी से सभी परेशान हैं।
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