कविता – अपना घर।
खूबसूरत बगीया है,समन्दर का रहस्य।सही मायने में है,जन्नत है हमेशा जो है नमस्य। खुशियां बेशूमार मिले,शान्त यहां जो बैठूं मैं।तबीयत
Read Moreखूबसूरत बगीया है,समन्दर का रहस्य।सही मायने में है,जन्नत है हमेशा जो है नमस्य। खुशियां बेशूमार मिले,शान्त यहां जो बैठूं मैं।तबीयत
Read Moreयही उम्मीद थी,बस इल्म नहीं था कि,कुछ हासिल होगी एक दिन।इंतजार खत्म हो गई,गिनते रहे हम दिन। यह तो एक
Read Moreनज़रों से दूर करने वाले,पूरी उम्र याद रहते हैं।शराफ़त है कि,मन में बसे रहते हैं। यह जरूरी नहीं है कि,मन
Read Moreसफलता दिलाने वाले,उम्मीद बनाएं रखने पर,विश्वास रखते हैं।सम्पूर्ण व्यवहार से लबालब भरी हुई,खुशियां से भरपूर दिखते हैं। हमें आगे बढ़ने
Read Moreसुकून देने वाली बात नहीं तो,जिंदगी में कुछ नहीं है।उबड़-खाबड़ रास्ते पर चलने वाले लोगों को,सब कुछ हासिल करने में,सफलता
Read Moreयह बोध अनुभव या कहें प्रकाश है,सबमें खुशियां बांटती है,इसके अलावा अन्य नहीं कोई प्रयास है। यह अवलोकन अध्यन और
Read Moreनाराज़गी के खेल में परहेज़ रहे,उम्र इसकी लम्बी न हो।मौतें कब आ जाएगी,इस बात का इल्म रहे। इस दरम्यान हमें
Read Moreऊंची उड़ान भरने में,उलझनें अपनी शरारत दिखाती है।उम्मीदों पर मजबूती से,प्रहार करते हुए,अपनी हिफाजत करने की,भरपूर कोशिश करने में,हमेशा आगे
Read Moreअतुलनीय है तो,सबको बहुत भाता है।उन्नति और प्रगति होगी,यह दृश्य दिखाते हुए,सबमें खुशियां भर जाता है। अप्रतिम सौंदर्य को,सुन्दर माहौल
Read Moreइस हुनर को क्या लिखूं,कुछ अफसाने ज़रूर पढ़ें हैं हमने,मुश्किल वक्त में,आसपास रहकर भी,नज़र अन्दाज़ किया गया है,यह देखा गया
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