Author: *बाल भास्कर मिश्र

धर्म-संस्कृति-अध्यात्म

सामाजिक समरसता का महान ग्रंथ श्रीरामचरित मानस –

सामाजिक समरसता का महान ग्रंथ श्रीरामचरित मानस – श्री राम को मर्यादा पुरुषोत्तम इसलिए नहीं कहा गया कि वह चक्रवर्ती

Read More
राजनीति

पगडंडी से शिखर तक : द्रौपदी मुर्मू

“दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहि ब्यापा॥ सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती॥” श्री

Read More
इतिहास

वर्तमान में शिवा जी महाराज की प्रासंगिकता

छत्रपति शिवाजी महाराज जी जितने प्रासंगिक सोलहवीं शताब्दी में थे उतने ही प्रासंगिक आज भी हैं, जिस प्रकार की चुनौतियों

Read More
इतिहास

वतर्मान में शिवा जी महाराज की प्रासंगिकता:-

छत्रपति शिवाजी महाराज जी जितने प्रासंगिक सोलहवीं शताब्दी में थे उतने ही प्रासंगिक आज भी हैं, जिस प्रकार की चुनौतियों

Read More