Author: बलविन्दर ‘बालम’

गीत/नवगीत

गीत

प्रतिभा-प्रतिष्ठा में प्राण। जाग उठा है हिन्दुस्तान।             ममता क्षमता समता प्रबल।             जैसे बहता निर्झर निर्मल।             स्वतंत्र-गणतंत्र की

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