गीत
अम्बर के सिरताज परिंदे। भरते जब परवाज़ परिंदे। डुबकी में संगीतक लोरी। विहम लगाते चोरी चोरी। दरिया
Read Moreमन मस्तिष्क के दीप जलाएं आज दीवाली का त्योहार।दुश्मन को भी मीत बनाएं आज दीवाली का त्योहार।इस से भारत की
Read Moreसब रंग साहित्य सभा गुरदासपुर (पंजाब) की ओर से लेखक इन्द्रजीत सिंह जोधका की पुस्तक ‘मेरी आस्ट्रेलिया यात्रा’ का विमोचन
Read Moreजलते अलबत्ता लाखों दीपक संसार में। आओ एक दीप जलाए इस प्यार में। अनुकंपा की सौगात है। दीवाली
Read Moreअध्यापक सूरज का प्रकाश।अध्यापक बच्चों का विश्वास।अध्यापक मात-पिता एवं दोस्त।अध्यापक सिर पर हाथ की उल्फ़त।अध्यापक पुल माझी व रहबर।अध्यापक उड़ते
Read Moreपारो तीन बहने थीं। पारो सब से छोटी। भोली भाली सी खूबसूरत। जैसे कुदरत ने काएनात का सारा हुसन उसमें
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