मदारी
देखो एक मदारी आया। बंदर और बंदरिया लाया।। डम-डम डमरू बजा रहा है। बंदरी को
Read Moreहे मृगनैनी ! बाले तेरे; नयन – तीर हैं पैने कितने! सरि के भीतर लक्ष्य
Read Moreआप अपनी जानें ,हम तो अपनी बात कहते हैं।कहें भी क्यों नहीं ,आज के जमाने के जुल्म जो सहते हैं।अब
Read Moreडेंगू से है जंग हमारी। करें हराने की तैयारी।। स्वच्छ रखें अपना घर पूरा। रहे पास में एक न घूरा।।
Read Moreतब और अब (व्यंग्य) आप अपनी जानें ,हम तो अपनी बात कहते हैं।कहें भी क्यों नहीं ,आज के जमाने के
Read More-1- माँ की ममता- मापनी,बनी नहीं भू मंच। संतति का शुभ चाहती,नहीं स्वार्थ हिय रंच नहीं स्वार्थ हिय रंच,सुलाती शिशु
Read Moreस्वेद बहाकर पेट पालता, रिक्शा भले चलाता है। एक पैर से आगे बढ़ता, दंड – सहारा पाता है।। चोरी
Read Moreदिखें रात में नभ में तारे। जाते कहाँ दिवस में सारे।। टिम-टिम करके करते बातें। अच्छी लगती हैं तब रातें।।
Read Moreपाजामे का नव अवतार। प्लाजो आया तज सलवार।। नए रूप में बड़ा निराला। रंग – बिरंगा नीला काला।। नीचे –
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