ग़ज़ल
साफ नीयत जनाब रखना, नज़र कभी ना खराब रखना अच्छा है पैर हों ज़मीं पर, मगर निगाहों में ख्वाब रखना
Read Moreहवा लगी पश्चिम की सारे कुप्पा बनकर फूल गए ईस्वी सन तो याद रहा अपना संवत्सर भूल गए चारों तरफ
Read Moreरिहा कर दिया बलात्कारी को कहकर ये तो बच्चा है दिल्ली के नेता को लगता भोला, मन का सच्चा है
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