व्यंग्य – फलता फूलता कोरोना व्यवसाय
आपदा में भी अवसर की तलाश करते रहना चाहिए। एक ओर कोरोना की दूसरी लहर ने भयंकर उत्पात मचा रखा
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Read Moreशर्मा जी के मोहल्ले में मैं भी रहता हूँ। मुझे अपने घर का पता बताने में ज्यादा परेशानी नहीं होती
Read Moreमैं जब भी सोचता हूँ कि अपनी कविताओं में प्रकृति का चित्रण करूँ- दूषित पर्यावरण के कारण कुछ स्पष्ट नज़र
Read Moreलोग बताते हैं कि जब निशा पैदा हुई थी, तब परिवार का कोई भी सदस्य खुश नहीं हुआ। शायद लड़के
Read Moreरघु को बेटी की शादी के लिए रूपयों की जरूरत थी। कारखाने में मजदूरी करने से जो भी वेतन मिलता
Read Moreएक ही विभाग में काम करने वाले मोहन बाबू और सुधीर जी में गहरी मित्रता थी। जब मोहन बाबू के
Read Moreभ्रष्टाचार और हत्या आदि के आरोपों से घिरे नेताजी ने गांधी जयंती समारोह की तैयारियों का जायजा लेने के लिए
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