रास्ता बनकर रहा (ग़ज़ल संग्रह)
समीक्ष्य कृति- रास्ता बनकर रहा ( ग़ज़ल संग्रह)ग़ज़लकार- राहुल शिवायप्रकाशक- श्वेतवर्णा प्रकाशन, नई दिल्लीसंस्करण – प्रथम ( 2024)मूल्य -249 (पेपरबैक)रास्ता
Read Moreसमीक्ष्य कृति- रास्ता बनकर रहा ( ग़ज़ल संग्रह)ग़ज़लकार- राहुल शिवायप्रकाशक- श्वेतवर्णा प्रकाशन, नई दिल्लीसंस्करण – प्रथम ( 2024)मूल्य -249 (पेपरबैक)रास्ता
Read Moreसमीक्ष्य कृति -सारंग कुंडलियाँकवि- प्रदीप सारंगप्रकाशक- अवध भारती प्रकाशन,बाराबंकी ,उ प्रप्रथम संस्करण -2022 ( पेपरबैक)सारंग – कुंडलियाँ: ‘क्षेत्रीय बोली में
Read Moreप्राप्त हो वरदहस्त,मठाधीशों का जिन्हें भी,ऐसे चाटुकार यहाँ ,मंच चढ़ जाते हैं।करके छिछोरापन,सुना-सुना चुटकुले,कविता को पीछे छोड़, आगे बढ़ जाते
Read Moreचाह यदि जीवन में उत्कर्ष।निरंतर करना है संघर्ष।। मिलेगी फिर निश्चय ही जीत,बनेगी सारी दुनिया मीत।राह में बाधक रहा विमर्ष,निरंतर
Read Moreपिछले कुछ वर्षों से जब भी ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार नववर्ष की तिथि आती है तो एक संदेश वायरल होने
Read Moreतन पर शोभित था सदा,जिनके भगवा रंग।उनकी वाणी सुन सभी ,हो जाते थे दंग।हो जाते थे दंग , देख कर
Read Moreअपना भारत देश है,दुनिया में सिरमौर।बात न मानो और की,देखो करके गौर।देखो करके गौर,लोग हैं गजब निराले।दे देते हैं जान
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