क्षणिकाएं
नदियां सैलाबों से लबालब हैं इंसान भावनाओं के सैलाब से कब लबालब होगा वहां तो भावनाओं के सैलाबों का सूखा
Read Moreबरसात का मौसम है बाजार में ठेलों पर जामुन लगे बिक रहे हैं. जमुनों को देखकर कानों में आवाज गूंज
Read Moreखुद को छोड़ सभी को हम बेहतर जानते हैं एक एक उनकी कमियां उंगलियों पर गिना सकते हैं जब बात
Read Moreकाली काली कोयल है कौए जैसी लगती है कोयल पतली होती है कौआ मोटा होता है कोयल कूँ कूँ करती
Read Moreरोज रखता था चिड़िया के लिए पानी कुछ दिन से आती है चोंच डालती है चोंच डाल बिना पानी
Read Moreगर्मी का मौसम है और आम के ठेले बाजारों में चारों तरफ नजर आ रहे हैं. अभी तक एक मात्र
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