चुनाव
चुनावी बिगुल बज उठा घर घर हाथ जोड़े पधारने लगे प्रत्याशी खुद को जो कहते सेवक जनता के जनता घूमे
Read Moreवासुदेव का सुमिरन करते करते प्रकट हो गए नारायण देख उन्हें मैं चौंकापूछ लिए उनसे तुम नारायण हो या कोई छलिया और प्रपंच विश्वास नहीं
Read Moreकर्म कर बंदे चिंता को तू छोड़ क्या होगा किस पल में सब लिख रख दिया कुंडली में तेरी विधाता
Read Moreसावन के वो गीत कहाँ हंसी ठिठोली अब है कहाँ मायके में आना सहेलियों के संग मिलना पेड़ों पर पड़े
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