रूमक-झुमक आया बसंत!
उमंग, उल्लास, आह्लाद, आनंद, प्रकृति रूप निखरी मनहर रंगत। नवल चेतना का रूमझुम आगाज, बहार ले फिर लौट आया बसंत।।
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Read More1) कृपा मिले प्रभु नाम, नहीं होगा कुछ बांका। स्वयं प्रकट प्रभु आप, प्रेम से बांधे टांका।। दर्शन की हिय
Read Moreभारत माता वीर ने, रचा स्वर्ण इतिहास। राणा महा प्रताप वे, भारत भाल प्रभास।। भारत भाल प्रभास, दिवाकर थे तेजस्वी।
Read More1) ले धागे को साथ में, ऊँची उडे पतंग। छूना है आकाश को, मन में आस उमंग।। 2) हिंदी से
Read Moreढूँढ रहा हैं मासूम नवजात, माता के आँचल की छाँव, पिता की छत्रछाया,अरु, चट्टान सी अटल ठाँव।। हद से पार
Read Moreमकर संक्रांति हमारा प्यारा त्यौहार है। हल्की हल्की ठंड का गुलाबी मौसम। रंग बिरंगी पतंगों से सजा आकाश। एक तो
Read Moreहंसवाहिनी माँ सरस्वती, विराजो हृदय में भगवती, ज्ञान दीप आलोक भर दो, विद्या धन दो माँ भारती।। कोकिल कंठ सुर
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