चिड़िया रानी
छोटी सी है चिड़िया न्यारी, फड़ फड़ करती हैं प्यारी, कौन सिखाता ऊँचा उड़ना, दाना-दाना चुगकर लाना। मस्ती में कैसे
Read Moreछोटी सी है चिड़िया न्यारी, फड़ फड़ करती हैं प्यारी, कौन सिखाता ऊँचा उड़ना, दाना-दाना चुगकर लाना। मस्ती में कैसे
Read Moreपरियों की रानी सुहासिनी नाम की तरह ही कोमल, मृदुल, हंसमुख थी। अपनी मृदुल वाणी से सबकी चहेती। आज रानी
Read Moreमुक्त हूं मैं रूढ़िवादी सोच से, उन्मुक्त नहीं। स्वतंत्र हूं अवांछनीय बंधनों से, स्वच्छंद नहीं।। संस्कारी मन, सुशील वर्तन, हौसला
Read Moreरिश्तों में हैं पतझड़ ऋतु आया, खिलता था कभी, बसंत मुरझाया।। फूलों में मनभावन खुशबू नहीं हैं, तितलियों में चंचलता
Read More“श्रुति, क्या कर रही हो अब तक?” “मुझे जल्दी जाना है आज।” ” चले जाओ। मैं ने कब रोका है।”
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