आयी मोहिनी भोर!
मोहिनी सी मुस्कुराती, रागिनी गुनगुनाती, इठलाती आयी भोर, आयी रविरश्मियाँ।।1।। प्राची ले नवल रंग, लायी उमंग, तरंग, पंछी करे कलरव,
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Read Moreमकान बहुत बड़ा नहीं था। लेकिन रहनेवाले सदस्य बहुत सारे थे। दादाजी, ताऊजी, चाचाजी,सबके परिवार एक छत के नीचे बड़े
Read Moreथरथराते हाथों को, डगमगाते पांवों को, ढलती सांझ को, सखा, रुसवा न किजिए।। फैला बाहों का पलना, सजाया सौख्य झूलना,
Read Moreरूकता न थकता कभी, निरंतर रहें गतिमान, बीता हुआ लौटे न कभी, समय बड़ा बलवान।। घूमे समय का पहिया, कहीं
Read Moreहिन्दी भाषा हैं सहज, सरल, अन्तर्मन के भाव सुनाये।। मीठी बोली यह खूब सरस, सुर लय ताल छंद मिलाये।। अपनी
Read Moreफूलों से मुस्कुराना सीखो, पंछियों से मस्त मगन जीना, तितलियों से ख्वाब बुनना, भंवरों से मधुर गुनगुनाना।। आंखों के तारों
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