इक फूल खिला है ग़ालिब
बेहद बेहतरीन शायर ग़ालिब के 217 वें जन्मदिवस पर कही जो बर्फ पड़ी है लगता हैं ठंड बड़ी है हवा का
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Read Moreप्रेम की अविरल बहेगी धार जब ; खिलखिलायेगा सकल संसार जब । तब किसी मन में ना होगी कामना ;
Read Moreदुःख सहकर भी जो हरषाई वो तो माँ ही थी जन्म दिया बेटी को और मुस्काई वो तो माँ ही
Read Moreकलम उठाओ शब्द लिखो शब्दों के फिर अर्थ लिखो अर्थो के फिर दर्द लिखो दर्द लिखो बेदर्द लिखो कलम उठाओ शब्द
Read Moreप्रेम की अविरल बहेगी धार जब ; खिलखिलायेगा सकल संसार जब । तब किसी मन में ना होगी कामना ;
Read Moreघट में राखे राम जो , हनुमत वीर कहाय | शबरी प्रेम में बावरी , जूठे बेर खिलाय || अश्क
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