अभी तो मैं जवाँ हूँ
तुम्हें देखकर ,अक्सर मैं भूल जाता हूँ ।मेरी उम्र क्या है ?मैं यह सोच पाता नहीं ,प्रेम बंधन नहीं स्वच्छंद
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Read Moreकई वर्षों पहले पीपल के वृक्ष के नीचे चबूतरे पर टोली बनाकर गुड्डा – गुड़ियों का विवाह करना जैसे; आदि
Read Moreहे दिसंबर ! कैसे कहूँ अलविदा –2024 जाते जाते कितनों के आँखें कर गए नममाना कि मेरे हिस्से में आई
Read Moreजुलाई का महीना आते ही स्कूल के दिन याद आने लगते हैं, मैं उन दिनों बहुत उत्साहित रहती थी ।
Read Moreसुबह के नास्ते से लेकर रात के खाने तक , सबके नसीब में , सब कुछ नहीं मिलता। पहला वर्ग
Read Moreहे कौशल्या के नंदन आपका अभिनंदन है , मंदिर के प्रांगण में पलक बिछाएंँ बैठे हैं जन , रामपथ देख
Read Moreआज खुशी का पल,प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा का क्षण,घर मंदिर है पांँच दीप जलाऊँ,पुष्प से सजाऊँ, पीला अक्षत चढ़ाऊँ,प्रभु का
Read Moreछोड़ उदासी मेरे भाई ! थोड़ा- सा मुस्कुरा दें, बीते कल की न सोच , चल हम आज में जीते
Read Moreसूरज को पकड़ने चली हर मुश्किलों को पार करके , आज उन्मुक्त गगन में उड़ने मैं चली | सबकी मुझसे
Read Moreआख़िर क्या कमी है , अंधेरे में ही चेतना प्रकाश का महत्व है | तुम स्वयं से मार्ग चुनो !
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