मेरे प्यारे बच्चों सुनो! बड़े भाग्य से मानुष तन पाया , आओ , इस जीवन को सार्थक कर लें , किस उद्देश्य यह जीवन मिला , आओ , हम इसको जाने , एक – एक पल बड़ा है मूल्यवान , रात्रि में सोने से पूर्व, अगले दिन की शुरुआत कैसे करें ? योजना बना लो! […]
Author: चेतना सिंह 'चितेरी'
प्रसन्न
जीवन में चाहे जितना भी ! कष्ट हो , मैं हमेशा प्रसन्न रहती हूंँ , सुख – दुख सुबह शाम जैसा; इनका आना – जाना जीवन में लगा ही रहता , जीवन में चाहे जितना भी कष्ट हो, फिर भी , मैं हमेशा प्रसन्न रहती हूंँ। मिलती है मुझको प्रेरणा काँटों में खिले फूलों से, […]
मछली
हे जलजीवन ! तुम मस्त रहती हो अपनी दुनिया में , ना तुममें भेदभाव की भावना , तुम प्रेममयी हो ! तालाब , नदियांँ , सागर की तुम रानी हो ! अहं नहीं तुमको अपनी सुंदरता पर , रंग – बिरंगी दिखती हो ! तुम तो मेरे मन को भाती हो , जल से करती […]
शतरंज की चाल
हमारी सूझ – बूझ हमारे जीवन को सफल बनाती है , सफलता मिलें जिंदगी ! में , कभी – कभी मुझे शतरंज की चाल चलनी पड़ती है। मैं सोच समझकर निर्णय लेती हूँ , नित कदम आगे बढ़ाती हूँ, कठिन परिस्थितियों में भी! समस्या का समाधान करती हूँ, जिंदगी में ज़फ़र मिलें, उसके लिए कभी […]
शून्य
मैं अपने जीवन से जब कभी हताश होती हूंँ , देख शून्य की ओर अपनी व्यथा सुनाती हूंँ। मौन होकर वह मुझे सुनता , मेरे मन का बोझ हल्का होता , चेतना प्रकाश से कहती – उसकी चुप्पी ही मेरी प्रेरणा बनती , फिर , मैं अपनी आंतरिक शक्तियों को एकत्रित करती हुई , अपनी […]
अजनबी चेहरे
कल की ही बात ( 20 नवंबर2022) है , मैं अपने ही शहर में अपनी बेटी को पुलिस लाइंस के पास कोचिंग छोड़ने गई थी। तब मैंने सोचा , स्कूटी में तेल नहीं है चलो पास में यही पेट्रोल पंप है ले लेती हूंँ , रोज आते – जाते पेट्रोल पंप पर तेल भरनेवाले पहचानने […]
संघर्ष में आनंद छुपा है
फूलों की तरह खिलना तुम! कांँटों के बीच में रहकर भी! ज़िंदगी में आगे बढ़ना, और जीवन को समझना, फूलों की तरह मुस्कुराना सीख लेना तुम! आता है उतार – चढ़ाव पतझड़ – वसन्त की तरह , घबराना नहीं तुम! फूलों की तरह मदमस्त लहराना तुम! तेज आंँधी में व बारिश की बूंँदों में भी! […]
कोई भी मौसम आए
कोई भी मौसम आए और जाए , मेरा दिल तेरे लिए ही धड़केगा बदल जाए ज़माना , तेरा दीवाना न बदलेगा। मैंने तुझसे , जो वादा किया , तेरा आशिक़ निभाएगा। मुझ पर भरोसा कर लो ! तुम , तुम्हें इतना यक़ीन कौन दिलाएगा ? तुमको मुझसे अच्छा मिल जाएगा , मेरे जैसा तुम को […]
महोत्सव
बड़ी धूमधाम से आजादी का अमृत महोत्सव मनाएंगे , गली – मोहल्लों में भारत के शूरवीरों की गाथा गाएंगे। सत्य , अहिंसा , प्रेम के पुजारी बापू का दर्शन हम अपनाएंगे , बैरी ना माने तो आजाद बनकर दिखलाएंगे । मातृभूमि की रक्षा से बढ़कर अब न कोई दूजा कार्य होगा , घर – घर […]
ज़िंदगी की रफ़्तार
तेज रफ़्तार से मैं चलती रही, कभी पीछे मुड़ के देखा नहीं , करना है जीवन में बहुत कार्य, घर – परिवार से लेकर बाहर तक मैं तेज रफ्तार में दौड़ती रही, तनिक भी नहीं किया आराम, समय एक दिन वह भी! आया, जब मुझे अपनी जिम्मेदारियों से छुट्टी मिला, फिर मैं , सोचने लगी […]