गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 28/12/202328/12/2023 ग़ज़ल खूब जमकर जनाब लिक्खा है। जुल्म का हर हिसाब लिक्खा है। कैसे कह दू अज़ाब लिक्खा है। जिसके हिस्से सवाब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 17/12/202317/12/2023 ग़ज़ल हार जाने की मत अदा रखिए।जीत का हर घड़ी नशा रखिए। जीतना चाहते इलेक्शन गर,हर समय साथ काफ़िला रखिए। दूर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 07/12/202307/12/2023 ग़ज़ल सब कुछ था बरक़रार अभी कलकी बात है। दौलत थी बे शुमार अभी कल की बात है। बागी हुये हैं Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 27/11/202327/11/2023 ग़ज़ल प्यार उलझे नहीं सवालों में।शातिराना हसीन चालों में। ढूंढता कुल जहां रहा उनको,वो न आये कभी उजालों में। सामने से Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 07/10/202307/10/2023 ग़ज़ल गामज़न अपना कारवां रखिये। ज़िन्दगी को रवां दवां रखिये। उम्र को जानिये फ़क़त गिनती, सोच अपनी सदा जवां रखिये। कोन Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 28/09/202328/09/2023 ग़ज़ल जो शातिर बड़े थे जवाबात में। वही खो गये अब सवालात में। किसीऔर जानिब नहीं मन लगे, सनम ही बसा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 01/09/202301/09/2023 ग़ज़ल घूम कर ख़ूब दर बदर देखा।पर नबी सा नहीं बशर देखा। उसका जादू जो बेअसर देखा।फिरनमुड़कर कभीउधर देखा। चाँद पर Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 22/08/202322/08/2023 ग़ज़ल गरीबों नातवानों को उठाना आ गया जिसको।लुटाना इस ज़माने पर ख़ज़ाना आ गया जिसको। कभी तारीक राहों का मुसाफिर फिर Read More
मुक्तक/दोहा *हमीद कानपुरी 08/08/2023 हमीद के दोहे इसकी हमको क्या पड़ी, क्या करता दरबार। आपस का रिश्ता हमें, खुद करना हमवार। पहल ज़रूरी काम में, बनिये ज़िम्मेदार। Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 25/07/202325/07/2023 ग़ज़ल सनमके दिल में उठती हैअजब सी पीरसावन में। विरह का जोर से लगता सदा ही तीर सावन में। कहानी प्यार Read More