गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 20/07/2022 ग़ज़ल वक्त के दुर्दिनों के मारे हैं। आज हम सब खुदा सहारे हैं। अबभला किसतरहमिलन होगा, इस तरफ मैं वो उस Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 23/06/2022 ग़ज़ल सुब्ह का आफ़ताब हैं हम लोग। जागते दिन का ख्वाबहैं हम लोग। खुद ब ख़ुद रास्ता बना लेंगे, तेज़ रफ़्तार Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 09/06/2022 ग़ज़ल ये पता सभी को है पूँछ लो ज़माने से। सच कभी नहीं छुपता झूठ ताने बाने से। चाहहोअगरदिलमेंकुछनहींहैनामुमकिन, रास्ता निकल आता रास्ता Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 26/04/2022 ग़ज़ल इसको लड़ाई का अब आधार मत बनाओ। मज़हब को आज हरगिज़ हथियार मतबनाओ। जीवन को इस तरह से बीमार मत Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 23/04/2022 ग़ज़ल प्यार से बुलाते हैं। प्यार ही सिखाते हैं। जो मिलें दबे कुचले, हम गले लगाते हैं। हैं दलित भी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 21/04/2022 ग़ज़ल देश की हालत संभलनी चाहिए। बद तरीं सूरत बदलनी चाहिए। अब सियासतदान की हरकत कोई, आम जनता को न खलनी Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 12/04/2022 ग़ज़ल तीर चुपचाप है कमां चुप है। जो जहाँ है अजी वहां चुप है। यूँ तो वाचाल है बहुत लेकिन, हो रहा Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 06/04/2022 गज़ल तूफान ज़िन्दगी में उठा कर चले गये। जादू सा दिल में एक जगा कर चले गये। आये हमारे दिल में Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 11/03/2022 ग़ज़ल कुछ तो अच्छा जनाब आने दो। नीँद के साथ ख़्वाब आने दो। सब्ज़ परचम सदा रखो ऊँचा, अब नहीं इज़्तिराब Read More
गीतिका/ग़ज़ल *हमीद कानपुरी 06/03/2022 ग़ज़ल हर क़दम निश्चित सफलता चाहते हैं। हम सलीक़ा औ सरलता चाहते हैं। अब नहीं कोई गरलता चाहते हैं। हम नहीं Read More