सावन भादों
दिनकर की स्वर्णिम किरणों ने, धरती का सुंदर रूप सजाया , काले मेघो ने सूरज के संग आँख मिचोली खेल
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Read Moreहमारे इस विशाल विश्व में, हर देश की अपनी इक शान है , अपनी भाषा है, अपनी संस्कृति है, अपनी
Read Moreहमें अपना जीवन आदर्शो के आधीन करना है, अपनी मेहनत को अपनी उपलब्धियों में परिवर्तित करना है, प्रकृति में एक
Read Moreकभी समंदर उठते सैलाबों का, कभी एक ज़लज़ला ,कभी आग से जलते हुए सहरा सी है यह ज़िंदगी, फिर भी
Read Moreमैं नित प्रात:काल जितनी श्रद्धा से, मंदिर जाता हूँ, उतना ही मेरा अन्तर्मन खिल जाता है, जितना मैं प्रभु चरणों
Read Moreगुरु नानक देव जी अपने दो शिष्यों के साथ भ्रमण पर निकले, जब बहुत देर हो गई चलते चलते, तब
Read Moreमेरे दिल ने मुझसे पूछा – उपवन क्यों सूना सूना है, यहाँ बहारों में भी फूल क्यूँ नहीं खिलते, जिसे
Read More०१ मई २०१५ , ‘मज़दूर दिवस’ पर सभी ईमानदार मेहनतकश इंसानों को समर्पित— मज़दूर दिवस, कब यह वक़्त बदलेगा- कब
Read Moreमौसम बार बार ले रहा है, बेमौसम की करवट, रंग बदलने में मार खा रहा है बेचारा गिरगिट, कभी
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