नारी
इस रिश्ते को निभाने का, एक प्यारा सा ढंग है, हर कन्या बचपन में ‘देवी माँ’ का रूप होती है,
Read Moreशाख से टूटे कुछ पत्ते कुछ मुरझाये ,कुछ सूखे कुछ मिटटी में सने हुवे मुस्काती कलियों को देख रहे थे
Read Moreजीवन जन्म से लेकर अंतिम सांस तक चलता ही रहता है , लेकिन यह जीवन कैसा है, सम्मानित है, सुखी
Read Moreसमुद्र का पानी खारा है तो क्या हुआ, सूरज की तपिश सह कर भी, बादल बन उड़ता है, टकराता है
Read Moreवो भी क्या ज़माना था — जब सिर्फ पांच पैसे का एक पोस्ट कार्ड , इंसानी रिश्तो का – कितना
Read Moreसंपूर्ण क्रांति के जनक श्री लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी का आज जन्म दिवस है उनको मेरी और से विनत श्रद्धांजलि……
Read Moreमन की इच्छा हो तुम मेरे जीवन की अभिलाषा हो , धुंधले से मेरे शब्दों की, तुम स्पष्ट रूप परिभाषा
Read Moreनन्ही नन्ही सावन की बूंदे क्या मनमोहक रूप सजाती है सूक्षम सुषम शबनम सी बनकर , यह फूलों पे इतराती
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