एक धर्मात्मा
वो आस्तिक या नास्तिक ही सही , पर पूरा तो ईमान रखता है … इंसानियत के नाते , इंसान की
Read Moreवो आस्तिक या नास्तिक ही सही , पर पूरा तो ईमान रखता है … इंसानियत के नाते , इंसान की
Read Moreखामोश हूँ मैं , अब शिकायत नहीं होती, अब इस ज़माने में , किसी का ‘दिल’ समझने की ‘रिवायत ‘
Read Moreशाख से टूटे कुछ पत्ते कुछ मुरझाये ,कुछ सूखे कुछ मिटटी में सने हुवे मुस्काती कलियों को देख रहे थे
Read Moreजीवन जन्म से लेकर अंतिम सांस तक चलता ही रहता है , लेकिन यह जीवन कैसा है, सम्मानित है, सुखी
Read Moreसमुद्र का पानी खारा है तो क्या हुआ, सूरज की तपिश सह कर भी, बादल बन उड़ता है, टकराता है
Read Moreवो भी क्या ज़माना था — जब सिर्फ पांच पैसे का एक पोस्ट कार्ड , इंसानी रिश्तो का – कितना
Read Moreसंपूर्ण क्रांति के जनक श्री लोकनायक जयप्रकाश नारायण जी का आज जन्म दिवस है उनको मेरी और से विनत श्रद्धांजलि……
Read Moreमन की इच्छा हो तुम मेरे जीवन की अभिलाषा हो , धुंधले से मेरे शब्दों की, तुम स्पष्ट रूप परिभाषा
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