सितमगर
“” अहसान अपने वोह उँगलियों पे गिनाते हैं , जिनके जुल्मो का हम पैर कोई हिसाब नहीं, अपने हक के
Read Moreकितना सुन्दर प्रकृति का नज़ारा प्रियतम का संग लगता है कितना प्यारा, जैसे लौट आया है वो हसीं ज़िंदगी का
Read Moreपल ही पल में,क्या से क्या हो जाता है, इक प्यार करने वाला दिल, शीतल ‘शबनम’ से आग का ‘शोला’
Read Moreबीती होली की यादें कैसे कैसे बीती होली, प्यारी वह बचपन की होली, टब बाल्टीयों में घोल कर बोतलों में
Read Moreसब उसकी माया सुख दुःख तो आते जाते हैं, जीवन की रफ़्तार यही है, मन को अपने निष्चल रक्खो, सब
Read Moreआज कल हर माता पिता के लिए यह चिंता का विषय है कि उनका बच्चा पढ़ाई लिखाई में अव्वल हो, और
Read Moreमाँ सरस्वती सब को सुबुद्धि दे !! मेरा यह सन्देश मेरे सभी मित्रों और विशेषकर जय विजय से जुड़े रचनाकारों के
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