बादल
उमड़ घुमड़ कड़ कड़के,बादल बल दल के। अपनी भरी जवानी सावन भादों बरसे पानी।। गली सभी कीचड़ से भरिगे,इत उत
Read Moreस्वागत है ,श्रीमान आपका अभिनन्दन है। प्रेम भाव का हार लिए,मैं कबसे रहा प्रतीक्षा करता। दृश्य हेतु अभिलाष लिए,मैं कबसे
Read Moreराम के भी राम के स्वरूप हैं अनेक राम धरि रूप भूतल पर आये अनेक है ।। ईसा मूसा नानक
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