गीत/नवगीत

स्वागत गीत

स्वागत है ,श्रीमान आपका अभिनन्दन है।
प्रेम भाव का हार लिए,मैं कबसे रहा प्रतीक्षा करता।
दृश्य हेतु अभिलाष लिए,मैं कबसे उत्सुक आंहें भरता।
अब !आये ,आप महान।आपका अभिनन्दन है।।
इस छेत्र का भाग्य उदय अब अदृश्य हुई चिंता मेरी।
हुवा आपका सुखद आगमन आयी सुख की है बारी।
अबिलम्ब करो कल्याण।आपका अभिनन्दन है।
बिन मौसम दिल के कमल खिले,कौमुदी बिनमौसम के।
बिन प्रयास प्रसून प्राप्त कर,खुशी हुई मन माली गन के।
ओ ! सूरज चाँद महान।आपका अभिनन्दन है।।
प्रसून भावके कुछ मैं चुनकर ले आया अपने साथ।
सच्चे मन से अर्पण पद पर ,स्वीकारो मेरे नाथ।
मैं हूँ बिल्कुल नादान।आपका अभिनन्दन है।।
मम अपराध क्षमा कर देना अपने अपना जान।
जीवन नौका भँवर फंसे न नमन करूं मैं आन।
“प्रकाश”करे अज्ञान।आपका अभिनन्दन है।।

स्वागत है श्रीमान आपका अभिनन्दन है।।

डॉ. जय प्रकाश शुक्ल

एम ए (हिन्दी) शिक्षा विशारद आयुर्वेद रत्न यू एल सी जन्मतिथि 06 /10/1969 अध्यक्ष:- हवज्ञाम जनकल्याण संस्थान उत्तर प्रदेश भारत "रोजगार सृजन प्रशिक्षण" वेरोजगारी उन्मूलन सदस्यता अभियान सेमरहा,पोस्ट उधौली ,बाराबंकी उप्र पिन 225412 mob.no.9984540372