रहस्यमय अंतरिक्ष
अंतरिक्ष जिसे अँग्रेज़ी में स्पेस (space) कहते हैं, मुझे सदैव बड़ा ही रहस्यमय लगता है। जब मैं छोटी थी तब
Read Moreअंतरिक्ष जिसे अँग्रेज़ी में स्पेस (space) कहते हैं, मुझे सदैव बड़ा ही रहस्यमय लगता है। जब मैं छोटी थी तब
Read Moreबिहार के भागलपुर में एक शिक्षक परिवार में मेरा जन्म हुआ। मेरे पिता भागलपुर विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर थे, जिनका देहान्त
Read Moreबापू के तीनों बन्दर सालों-साल मुझमें जीते रहे मेरे आँसू तो नहीं माँगे मेरा लहू पीते रहे फिर भी मैंने
Read More1. मृत्यु सत्य है बेख़बर नहीं हैं दिल रोता है। 2. शाश्वत आत्मा अपनों का बिछोह रोती है आत्मा। 3.
Read Moreजुलाई 18, 2022 को संध्या 6 बजे ‘पृथ्वी ललित कला एवं सांस्कृतिक केंद्र’, सफ़दरजंग एन्क्लेव, नई दिल्ली में ‘मरजीना’ (क्षणिका-संग्रह)
Read More1. भोर होते ही हड़बड़ाके जागी, धूप आलसी। 2. आँखें मींचता भोरे-भोरे सूरज जगाने आया। 3. घूमता रहा सूरज निशाचर
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