माटी का दीप
लालटेन कहे ‘माटी के दीप’ से बहुत छोटा है तेरा आकार, कैसे हटेगा तेरी ज्योति से अमावस का घनघोर अंधकार।
Read Moreलालटेन कहे ‘माटी के दीप’ से बहुत छोटा है तेरा आकार, कैसे हटेगा तेरी ज्योति से अमावस का घनघोर अंधकार।
Read Moreरोज वही रोना-धोना, वही शिकायत रहती है विनीता को। बाई ने यह बर्तन अच्छे से नहीं धोया, चाय के कप
Read Moreहम हैं हिंदू ,मुसलमान,सिख,इसाई बोलो कौन है फिर हिंदुस्तानी, बांट ना इस देश को टुकड़ों में बन ना तू मानव
Read Moreदूसरे दिन सुबह तड़के ही अदिति की नींद खुल गई थी। वैसे भी रात को बहुत देर से नींद आई
Read More“नहीं… पापा,नहीं.. यह संभव नहीं है! नहीं तोड़ सकती मैं यह सगाई। आपने कैसे सोच लिया कि मैं इंद्रजीत से
Read More“फिर एक बेटी को जन्म दिया, मुंह जली, करम जली ने। मैं तो लुट गई, बर्बाद हो गई। मेरे जीतू
Read More“अभिनव जरा इधर सुनना एक मिनट किचन में आना। मुझे एक मदद चाहिए, ऊपर डब्बे में बिस्किट रखे है। जरा
Read Moreगर्मया था चुनावी माहौल चारों ओर बज रहे थे सब ओर देशभक्ति के गीत, जो था कभी पक्का दुश्मन
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