गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 13/06/201713/06/2017 ग़ज़ल हस्ती’ शबनम की’ है’ सूरज का’ असर होने तक बन्दा’ भी है ते’री’ इत्लाक* की’ नज़र होने तक | मान Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 11/06/2017 ग़ज़ल वृथा चेष्टा, मिलेगा गुण नहीं कोई अभाजन में दया सरकार में गायब, कहाँ होगा महाजन में ? कुतूहल प्यास चातक Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 10/06/2017 ग़ज़ल धोखा धडी सदैव यहाँ नागवार है व्यभिचार और घूस यही उस्तुवार* है |*स्थायी भाषण यहाँ सूना जो’ भी’, सारे विशेष Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 06/06/2017 ग़ज़ल जरा सोच लो आजमाने से’ पहले मुहब्बत की’ दुनिया बसाने से’ पहले | हमारा सहारा तुम्ही थी अकेली जहां से Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 16/05/201716/05/2017 ग़ज़ल मीना–ए-मय में’ मस्त सहारा शराब है गुज़र गया है’ वक्त, नहीं अब शबाब है | संसार में नहीं मिला दामन Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 10/05/2017 ग़ज़ल पाक माना धूर्त है, चालाकी’ दिखलायेंगे’ क्या देश के गद्दारों’ को, फिर पाक उकसायेंगे’ क्या ? जान न्यौछावर की’ सैनिक Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 05/05/2017 ग़ज़ल दस्त बानर से’ वशर याद आया मालदारी से’ गज़र याद आया | जब पुरानी गली’ से था गुजरना गुजरा’ वो Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 04/05/2017 ग़ज़ल वो अश्क भरा चश्म, समुन्दर न हुआ था उस दीद से’ दिल भर गया’, पर तर न हुआ था | Read More
पद्य साहित्यमुक्तक/दोहा *कालीपद प्रसाद 07/04/2017 दोहे दोहे अपनी ही आलोचना, है मुक्ति प्राप्ति मार्ग गलती देखे और का, उनमे अभाव त्याग | अगर क्षमा ही श्रेष्ठ Read More
गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य *कालीपद प्रसाद 06/04/201706/04/2017 ग़ज़ल बिन तेरे जिंदगी में’ पहरेदार भी नहीं दुनिया में’ अब किसी से’ मुझे प्यार भी नहीं | बेइश्क जिंदगी नहीं’ Read More