गीतिका/ग़ज़लपद्य साहित्य

ग़ज़ल

पाक माना धूर्त है, चालाकी’ दिखलायेंगे’ क्या
देश के गद्दारों’ को, फिर पाक उकसायेंगे’ क्या ?
जान न्यौछावर की’ सैनिक देश रक्षा के लिए
ये सहादत से सियासत नेता’ चमकाएंगे’ क्या ?
चाहते थे वे कहे कुछ मोहनी बात और भी
जुमले’ बाजी से नहीं फुर्सत तो बतलायेंगे’ क्या ?
खुद की’ नाकामी छुपाने के लिए कुछ बोलते
भड़की’ है जनता अभी तलक और भड्कायेंगे’ क्या ?
सीमा’ से आतंक वादी चोर ज्यों अन्दर घुसे
तार काँटे तेज हद पर और लगवाएंगे’ क्या ?
आयुधों का डर दिखाकर कब तलक सुरक्षित रकीब
हम खड़े हैं युद्ध स्थल पर मस्त, घबराएंगे’ क्या ?
किस नदी के जल से अभिषेक आदि होगा पूजा में
गंगा’ तो अब मैली’ है, शंकर को’ नहलायेंगे’ क्या ?
युद्ध के रफ़्तार से गंगा करेंगे साफ़ अब
काम यदि अटका तो’ गंगा में वो’ डुब जायेंगे’ क्या ?
मुफलिसी में तुम ने’ काटे वक्त फाँके मार कर
हम अगर अब रह गए यां साहिबा खायेंगे’ क्या ?
बे-नियाज़ी आपकी ज़ाहिर किया दिल का मुराद
जख्म जो गहरा दिया, अधिक और फरमाएंगे’ क्या ?
जोश में उसने तुम्हे घर में बुलाया तो है’ पर
आचरण से वह बहुत कंजूस है, खिलवाएंगे’ क्या ?

कालीपद ‘प्रसाद’

*कालीपद प्रसाद

जन्म ८ जुलाई १९४७ ,स्थान खुलना शिक्षा:– स्कूल :शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ,धर्मजयगड ,जिला रायगढ़, (छ .गढ़) l कालेज :(स्नातक ) –क्षेत्रीय शिक्षा संस्थान,भोपाल ,( म,प्र.) एम .एस .सी (गणित )– जबलपुर विश्वविद्यालय,( म,प्र.) एम ए (अर्थ शास्त्र ) – गडवाल विश्वविद्यालय .श्रीनगर (उ.खण्ड) कार्यक्षेत्र - राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कालेज ( आर .आई .एम ,सी ) देहरादून में अध्यापन | तत पश्चात केन्द्रीय विद्यालय संगठन में प्राचार्य के रूप में 18 वर्ष तक सेवारत रहा | प्राचार्य के रूप में सेवानिवृत्त हुआ | रचनात्मक कार्य : शैक्षणिक लेख केंद्रीय विद्यालय संगठन के पत्रिका में प्रकाशित हुए | २. “ Value Based Education” नाम से पुस्तक २००० में प्रकाशित हुई | कविता संग्रह का प्रथम संस्करण “काव्य सौरभ“ दिसम्बर २०१४ में प्रकाशित हुआ l "अँधेरे से उजाले की ओर " २०१६ प्रकाशित हुआ है | एक और कविता संग्रह ,एक उपन्यास प्रकाशन के लिए तैयार है !