कोल्हू का बैल
एक कस्बे में एक साहूकार रहता था। उनके तीन बेटे थे। साहूकार ने अपने जीवन में गरीबी के दिन देखा था।
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Read Moreभूल जाते है इन्सान कि मृत्यु अटल है हर कोई यहाँ मृत्यु की पंक्ति में खड़ा है क्रमागत मृत्योंमुखी
Read Moreजलाशय सूखे, नहर, कुएं सब सुख गए खेतों में पानी नहीं, जमीन में दरारे पड गए ||1|| दैवी प्रकोप है
Read Moreमौन हूँ, इसीलिए नहीं कि मेरे पास शब्द नहीं… मौन हूँ, क्योंकि जीवन में मेरे हर शब्द का अर्थ बदल
Read Moreजिन्दगी मिली है तो, अंतिम श्वांस तक जीना है रास्ता चाहे जैसा हो, उस पर चलते रहना है | चाहे
Read Moreगणतंत्र का महिमा है, कोई भी लड़े चुनाव फ़क़ीर बन गए राजा, जीतकर आम चुनाव| आनंद विभोर भये राजा,
Read Moreनव रात्रि एवं दुर्गा पूजा के उपलक्ष में आगमनी गीत प्रस्तुत है ,आशा है आपको पसंद आयगा | जय
Read Moreईश्वर के हर नियम-कानून है अलिखित तोड़ने पर मिलती दण्ड, है यह निश्चित | लाठी है अदृश्य उनकी, दिखाई नहीं
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