माँ चुप क्यों हो?
माँ, चुप क्यों हो कुछ बोलो तो ? अपने मन की पीड़ा को मेरे आगे खोलो तो माँ तुम क्यों
Read Moreमाँ, चुप क्यों हो कुछ बोलो तो ? अपने मन की पीड़ा को मेरे आगे खोलो तो माँ तुम क्यों
Read Moreचलो आज नव सूरज छूलें ! बादल आँखों, भर सकते है चिड़ियों के दल उड़ सकते है जब नदी वृक्ष
Read Moreदेखी थी दुनिया चढ़ कर हथेली पर जिसकी आज वो हथेली को ढूंढती हूँ चली थी मिलों साथ मेरे नापने
Read Moreसुनती हो माँ !!!!!!! हाँ सुनती हूँ!!!! बोलो ना मेरे प्यारे मुन्ना माँ,चन्दा मामा मुझसे इतनी दूर क्यों रहता हैं?
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