आजकल खुश रहने लगी हूं मैं
किसी के ख्वाबों में सजने लगी हूं मैं, किसी के ख्वाब सजाने लगी हूं मैं, यह महसूस होता है मुझे….
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Read Moreविस्तृत,अनंत, शांत आसमान में, खामोशी को समेटे आहिस्ता- आहिस्ता, विचरता पूरी रात का आधा चांद। अनगिनत प्रेमी- प्रेमिकाओं के प्रेम
Read Moreअपने दिल में हमेशा बसा कर रखना, अपनी बाहों में मुझे छुपा कर रखना। संवरना चाहती हूं आजकल तेरी खातिर,
Read Moreतुम्हारे प्रेम पाश से चाहकर भी, खुद को मुक्त नहीं कर पाती हूं। जितना छटपटाती हूं निकलने की खातिर, उतनी
Read Moreहोली का त्यौहार नजदीक था। घर में मेहमानों की चहल-पहल बढ़ रही थी। कल ही बनारस से सुधा की ननद
Read Moreप्रियवर, कितने निश्चल हो तुम….. बिल्कुल किसी मासूम की किलकारी की तरह। मन में कोई कपट नहीं, हमेशा दूसरों पर
Read Moreकितने अजीब होंगे वे लोग जो प्यार जैसी फालतू बातों में पडकर अपनी जिंदगी बर्बाद कर लेते हैं ।अरे जिंदगी
Read Moreसंकुचित सोच की चारदीवारी में कैद वे लोग, जिनके मस्तिष्क को आजादी नहीं मिल पाई, अपने ही बनाए रूढ़िवादी रीति-रिवाजों
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