सब्र करते करते
सब्र करते करते कितने ही बरस बीत गए।आज़ाद हैं हम ! गाए कितने ही गीत गए। लहू देख अपनों का…
Read Moreसब्र करते करते कितने ही बरस बीत गए।आज़ाद हैं हम ! गाए कितने ही गीत गए। लहू देख अपनों का…
Read Moreउड़ रहा ये रंग ये गुलाल,हुए हम आज खुशहाल।जीवन में ये रंग न हो तो,अपनों का गर संग न हो
Read Moreकितना भी झुठलाएं पर एक दिन जाना होगा।बिना तैयारी ही घर से जाने कहां ठिकाना होगा। न कोई अपना होगा
Read Moreयूँ तो पीले, लाल, सफेद…जाने कितने गुलाब हैं खिले हुए।पर वो हमारा गुलाब तो था खास ,जाने कितने थे एहसास
Read Moreकभी जो भर जाएं आंखें,हाल दिल का लिख देना तुम।कभी जो कहने को हो बहुत,तुम कह न पाओ वो सब
Read Moreथे बढ़ते रहे कदम मंज़िल के वास्ते।फिर छोड़ अपनों को चले अपने रास्ते। कुछ पा लिया तो हो गया भ्रम
Read Moreये दुनिया तो एक रंगमंच है यारो।जो अपना है वो आएगा ज़रूर;और किसी को चाहे कितना पुकारो। बस भीड़ से
Read Moreहो गए सब देखो कितने कूल।हांजी अब न कोई बनता फूल। समार्टफौन में डूबें सब डयूड;बदला समय बदले सब रूल।
Read More