कौन यहां समझदार है
कुछ सवाल हैंन जिनके जवाब हैंक्यूं रात दिन ऐसेकरता तू मलाल है। यही ज़िन्दगी का सार हैकौन यहां समझदार है।
Read Moreकुछ सवाल हैंन जिनके जवाब हैंक्यूं रात दिन ऐसेकरता तू मलाल है। यही ज़िन्दगी का सार हैकौन यहां समझदार है।
Read Moreसब्र करते करते कितने ही बरस बीत गए।आज़ाद हैं हम ! गाए कितने ही गीत गए। लहू देख अपनों का…
Read Moreउड़ रहा ये रंग ये गुलाल,हुए हम आज खुशहाल।जीवन में ये रंग न हो तो,अपनों का गर संग न हो
Read Moreकितना भी झुठलाएं पर एक दिन जाना होगा।बिना तैयारी ही घर से जाने कहां ठिकाना होगा। न कोई अपना होगा
Read Moreयूँ तो पीले, लाल, सफेद…जाने कितने गुलाब हैं खिले हुए।पर वो हमारा गुलाब तो था खास ,जाने कितने थे एहसास
Read Moreकभी जो भर जाएं आंखें,हाल दिल का लिख देना तुम।कभी जो कहने को हो बहुत,तुम कह न पाओ वो सब
Read Moreथे बढ़ते रहे कदम मंज़िल के वास्ते।फिर छोड़ अपनों को चले अपने रास्ते। कुछ पा लिया तो हो गया भ्रम
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