ग़ज़ल
भले हों कितने मतभेद आपस में सब भूलना है सही जब बात वतन की तो आपस में लड़ना ठीक नहीं।
Read Moreनफरतों को अब छोड़िए , क्योंकि हमें देश को बचाना है। कोई गैर न तोड़ें ये एकता, हमें एक दूजे
Read Moreपूजा ….पूजा…पूजा! सासु मां ने आवाज़ लगाई, पूजा भाग कर सासु मां के पास आकर घबरा कर बोली… ममी जी
Read Moreकिसी के घाव पर मरहम नहीं छिड़कती है ये दुनिया। बस मौका मिले तो जीभर घाव कुरेदती है ये दुनिया।
Read Moreपूछती धरा कभी गगन से …. होगा अपना भी मिलन फिर तुम उदास क्यों हो? देख कर तुम्हारी व्यथा मन
Read Moreन धर्म न जाति देखें आओ ऐसा हिन्दोस्तान बनाते हैं। कुछ हम बदलें कुछ तुम बदलो चलो सुंदर जहान बनाते
Read Moreसावन के इंतज़ार में वो अब खामोश होकर देख रही है गगन को जैसे अपना सब कुछ खो चुकी हो
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