ग़ज़ल
मेरा तुमसे और तुम्हारा मुझसे कहीं कोई वास्ता रहा होगा। यूं बिछड़ के मिलें हैं आज फिर तुमसे कोई वास्ता
Read Moreशादी की धूमधाम के बाद गृह प्रवेश के समय मन में अनेकानेक ख्वाब और अपने सुंदर भविष्य की कामना लिए
Read Moreनफरतों को अब छोड़िए , क्योंकि हमें देश को बचाना है। कोई गैर न तोड़ें ये एकता, हमें एक दूजे
Read Moreपूजा ….पूजा…पूजा! सासु मां ने आवाज़ लगाई, पूजा भाग कर सासु मां के पास आकर घबरा कर बोली… ममी जी
Read Moreकिसी के घाव पर मरहम नहीं छिड़कती है ये दुनिया। बस मौका मिले तो जीभर घाव कुरेदती है ये दुनिया।
Read Moreपूछती धरा कभी गगन से …. होगा अपना भी मिलन फिर तुम उदास क्यों हो? देख कर तुम्हारी व्यथा मन
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