ग़ज़ल !
बेरुखी ऐसी भी न हो चिलमन भी हो और तन्हाई भी मिले, हम फूलों की चाह करें और चमन में
Read Moreवतन की शान देखो जब बढ़ने लगी थी, सिर्फ निंदा आतंक पे न रहने लगी थी। लहु देख शहीदों का
Read Moreराजनेताओं की मौज चल पड़ी है, बात छोटी हो या फिर बहुत बड़ी है। ट्विटर ने सब आसान कर दिया
Read Moreकभी-कभी जाने क्यों उल्झाती हैं कुछ अनकही बातें, जाने अनजाने जब छुपाई जाती हैं कुछ अनकही बातें। मन में कोतूहल
Read Moreशादी की धूमधाम के बाद गृह प्रवेश के समय मन में अनेकानेक ख्वाब और अपने सुंदर भविष्य की कामना लिए
Read Moreनफरतों को अब छोड़िए , क्योंकि हमें देश को बचाना है। कोई गैर न तोड़ें ये एकता, हमें एक दूजे
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